तुझे परमात्मा कहूँ , दिल कहूँ, फरिश्ता कहूँ या जान कहूँ? जो भी कहूँ लाजवाब कहूँ ! तुझे परमात्मा कहूँ , दिल कहूँ, फरिश्ता कहूँ या जान कहूँ? जो भी कहूँ लाजवाब क...
उस वक्त की जब मैं रोया था उस वक्त की जब मैं रोया था
जब एक लड़की कुछ कहती है तब भी गलत, नहीं कहती फिर भी गलत| इस पर ये कविता व्यंग्य है समाज पर .... जब एक लड़की कुछ कहती है तब भी गलत, नहीं कहती फिर भी गलत| इस पर ये कविता व्यंग्य ह...
कुछ शरारतें करती राह में बढ़ी वो दोनों डालें बाँह में मंज़िल की खबर तो दोनों को न थी पर फिर इसक... कुछ शरारतें करती राह में बढ़ी वो दोनों डालें बाँह में मंज़िल की खबर तो दोनों ...
उनकी अदाओं की तरह, उनकी कसमें भी लाजवाब थी, उनकी अदाओं की तरह, उनकी कसमें भी लाजवाब थी,
कदम उठाने को मजबूर करता मैं जुराब हो गया, और वो द्वेषी कोहिनूर सा हीरा नायाब़ हो गया। कदम उठाने को मजबूर करता मैं जुराब हो गया, और वो द्वेषी कोहिनूर सा हीरा नाया...